B.COM में कौन कौन से विषय होते हैं?

बीकॉम में कितने विषय होते हैं? B.COM में Subject का चुनाव

यदि आपको 12वीं के बाद B.com का चुनाव करना है तो आपको सबसे पहले जान लेना चाहिए कि कैसे B.Com में सब्जेक्ट का चुनाव किया जाता है। अक्सर बहुत से छात्र, 12वीं के बाद B.com से ग्रेजुएशन करने की सोचते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि बीकॉम में कौन सा सब्जेक्ट होता है (B.com me kon kon se subject hote hai)। जानकारी के लिए बता दें कि बीकॉम का फुल फॉर्म Bachelor of Commerce होता है। इस कोर्स में आपको Business & Finance से संबंधित जानकारियां और स्किल प्रदान की जाती है। इस कोर्स के करने के बाद आपको BBA, BSc और BA से अच्छी सैलरी मिलती है।

आज भारत में बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी.कॉम) डिग्री की लोकप्रिय स्नातक कार्यक्रमों में बहुत अधिक बढ़ चुकी है। बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स में वित्त, प्रबंधन, लेखांकन और अर्थशास्त्र से संबंधित विष्यों पर जानकारी मिलती है। इसके अलावा इस कोर्स को करने वाले छात्रों को बिजनेस और वित्तीय क्षेत्रों से संबंधित कौशल भी दिये जाते हैं। हम जानते हैं कि आज भारत बहुत तेजी से आर्थिक प्रगति कर रही है और इस प्रगति में योगदान के लिए बी.कॉम से पास हुए छात्रों की डिमांड बढ़ रही है क्योंकि तकनीकी प्रगति, आर्थिक सुधार और वैश्वीकरण जैसे कारकों में इनकी अधिक आवश्यकता होती है।

अब यदि आप 12वीं के बाद B.com करने की सोच रहे हैं तो आप अच्छा कर रहे हैं क्योंकि भविष्य में इसकी डिमांड बहुत अधिक बढ़ रही है। चलिए अब आपको बताते हैं कि आप B.com Me Subject Kaise Choose Kare। आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है क्योंकि एक सही निर्णय ही अच्छे भविष्य का निर्माण कर सकता है।

बैचलर ऑफ कॉमर्स से संबंधित कुछ हाइलाइट्स

कोर्स का नाम बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी.कॉम)
अंग्रेजी में नाम Bachelor of Commerce
Name of the Article B.com Me Subject Kaise Choose Kare
पाठ्यक्रम की अवधि 3-4 वर्ष
पाठ्यक्रम का प्रकार यूजी कोर्स (Undergraduate Course)
कोर्स की फीस 5,000 रुपये से 50,000 रुपये प्रति वर्ष
बी.कॉम के लिए योग्यता (पात्रता) भारत में बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी.कॉम) की डिग्री के लिए योग्यता के रूप में आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम प्रतिशत (आमतौर पर 45% से 60%) के साथ 10+2 उत्तीर्ण होना चाहिए।
कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों को बी.कॉम के लिए प्राथमिकता दी जाती है, हालांकि विज्ञान और कला के छात्रों पर भी विचार किया जा सकता है। यदि छात्र अंकों की आवश्यकता को पूरा करते हैं और उन्होंने गणित या अर्थशास्त्र जैसे प्रासंगिक विषयों का अध्ययन किया है वे बी.कॉम के लिए योग्य माने जा सकते हैं।
कुछ संस्थानों में बैचलर ऑफ कॉमर्स में प्रवेश देने के लिए आपको प्रवेश परीक्षा या योग्यता परीक्षण से भी गुजरना पड़ सकता है।
प्रवेश परीक्षा बी.कॉम कोर्स के लिए अधिकतर कॉलेज 10+2 के अंकों के आधार पर छात्रों को प्रवेश दे देती है लेकिन कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों में उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा या योग्यता परीक्षण देना पड़ सकता है।
 प्रवेश परीक्षों के नाम CUET, NPAT, IPU CET, SAT, AIMA UGAT, BHU UET and AMU Entrance Exam

बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी.कॉम) में विषय कैसे चुनें?

हम जानते हैं कि 12वीं के बाद बहुत से छात्र सही से यह आकलन नहीं कर पाते कि उन्हें ग्रेजुऐशन के लिए कौन सा कोर्स लेना है। लेकिन यदि आपने B.com कोर्स करने का मन बना लिया है तो आपको यह रिपोर्ट पूरी पढ़नी चाहिए।

यदि आप 12वी बाद के बाद B.com कोर्स करने की सोच रहे हैं तो आप जान लें कि इस कोर्स में आपको कौन सा विषय संयोजन और विवरण ऑनर्स विषय मिलेगा। याद रखें कि आप अपने भविष्य के लिए किसी अच्छे कोर्स का चुनाव कर रहे हैं और इसलिए इसको विस्तार से जाने और समझें।

जानकारी के लिए बाता दें कि 2023 से पहले बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स केवल 3 साल में ही पुरा हो जाता था लेकिन अब सरकार के नये नियम के अनुसार इसे 4 साल के लिए कर दिया गया है। आप इसे अपने गांव या किसी शहर के कॉलेज से इस कोर्स को कर सकते हैं लेकिन यदि आप भारत के किसी अच्छे और प्रतिष्ठित कॉलेज से बी.कॉम करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए प्रवेश परीक्षा भी देना पड़ सकता है। यहां पर एक बाद और बता दें कि वैसे तो बी.कॉम कोर्स करने के लिए आपको 5,000 रुपये से 50,000 रुपये प्रति वर्ष खर्च करना पड़ सकता है लेकिन किसी किसी कॉलेज में यह राशि अधिक और कम भी हो सकती है।

B.com कोर्स में आपको बहुत अधिक Subject Combination और details Honors Subjects मिल सकता है। लेकिन भविष्य की योजना को ध्यान में रखते हुए आप इनका चुनाव करें। चलिए इनके बारे मे पूरी जानकारी लेते हैं –

बी.कॉम सामान्य विषय संयोजन (Subject Combinations)

एक सामान्य बी.कॉम कोर्स में, छात्र चार वर्षों में मुख्य और वैकल्पिक विषयों के Combinations का अध्ययन करते हैं। मुख्य विषय वाणिज्य और संबंधित क्षेत्रों के हो सकते हैं, जबकि वैकल्पिक विषय छात्रों को रुचि के क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने की अनुमति मिलती है।

बी कॉम सब्जेक्ट्स नाम इन हिंदी

मुख्य विषय (Core Subjects:):

सब्जेक्ट्स नाम इन हिंदी Subjects Name
वित्तीय लेखांकन Financial Accounting
व्यावसायिक गणित और सांख्यिकी Business Mathematics and Statistics
व्यावसायिक अर्थशास्त्र Business Economics
कॉर्पोरेट लेखांकन Corporate Accounting
लागत लेखांकन Cost Accounting
प्रबंधन लेखांकन Management Accounting
व्यावसायिक कानून Business Law
आयकर कानून और अभ्यास Income Tax Law and Practice
लेखा परीक्षा Auditing
वित्तीय प्रबंधन Financial Management
विपणन प्रबंधन Marketing Management
मानव संसाधन प्रबंधन Human Resource Management

वैकल्पिक विषय (Optional Subjects):

सब्जेक्ट्स नाम इन हिंदी Subjects Name
ई-कॉमर्स E-Commerce
उद्यमिता Entrepreneurship
निवेश प्रबंधन Investment Management
बैंकिंग और बीमा Banking and Insurance
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार International Business
कॉर्पोरेट प्रशासन Corporate Administration
संगठनात्मक व्यवहार Organisational Behaviour
रणनीतिक प्रबंधन Strategic Management

बी.कॉम ऑनर्स विषय सूची

बी.कॉम (ऑनर्स) कार्यक्रम सामान्य बी.कॉम की तुलना में अधिक विशिष्ट और कठोर है। इसमें विशिष्ट विषयों का गहन अध्ययन शामिल होता है। इसके द्वारा छात्रों को अक्सर वाणिज्य के किसी विशेष क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कराया जाता है।

ऑनर्स विषय (Honors Subjects) List:

लेखा और वित्त (Accounting and Finance):

  1. उन्नत वित्तीय लेखांकन (Advanced Financial Accounting)
  2. उन्नत लागत लेखांकन (Advanced Cost Accounting)
  3. उन्नत प्रबंधन लेखांकन (Advanced Management Accounting)
  4. वित्तीय रिपोर्टिंग और विश्लेषण (Financial Reporting and Analysis)
  5. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन (International Financial Management)

अर्थशास्त्र (Economics):

  1. सूक्ष्मअर्थशास्त्र (Microeconomics)
  2. समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics)
  3. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy)
  4. अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र (International Economics)
  5. अर्थमिति (Econometrics)

व्यवसाय और प्रबंधन (Business and Management):

  1. व्यावसायिक नैतिकता और कॉर्पोरेट प्रशासन (Business Ethics and Corporate Governance)
  2. रणनीतिक प्रबंधन (Strategic Management)
  3. संचालन प्रबंधन (Operations Management)
  4. आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (Supply Chain Management)
  5. परियोजना प्रबंधन (Project Management)

बैंकिंग के सिद्धांत (Banking and Insurance):

  1. बैंकिंग के सिद्धांत (Principles of Banking)
  2. बीमा कानून और अभ्यास (Insurance Law and Practice)
  3. जोखिम प्रबंधन (Risk Management)
  4. बैंकिंग परिचालन (Banking Operations)
  5. निवेश बैंकिंग (Investment Banking)

कराधान (Taxation):

  1. प्रत्यक्ष कर कानून (Direct Tax Laws)
  2. अप्रत्यक्ष कर कानून (GST) (Indirect Tax Laws)
  3. कर नियोजन और प्रबंधन (Tax Planning and Management)
  4. अंतर्राष्ट्रीय कराधान (International Taxation)

विपणन (Marketing):

  1. उपभोक्ता व्यवहार (Consumer Behavior)
  2. मार्केटिंग अनुसंधान (Marketing Research)
  3. डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)
  4. बिक्री और वितरण प्रबंधन (Sales and Distribution Management)
  5. ब्रांड प्रबंधन (Brand Management)

मानव संसाधन प्रबंधन (Human Resource Management):

  1. संगठनात्मक विकास (Organizational Development)
  2. श्रम कानून (Labor Laws)
  3. प्रदर्शन प्रबंधन (Performance Management)
  4. मुआवजा प्रबंधन (Compensation Management)
  5. प्रतिभा अधिग्रहण और प्रतिधारण (Talent Acquisition and Retention)

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (International Business):

  1. निर्यात-आयात प्रबंधन (Export-Import Management)
  2. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून (International Trade Laws)
  3. वैश्विक विपणन (Global Marketing)
  4. अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक प्रबंधन (Cross-Cultural Management)
  5. अंतर्राष्ट्रीय रसद (International Logistics)

विशेषज्ञता और उभरते क्षेत्र (Specialization and Emerging Areas):

आजकल बी.कॉम में बहुत सी विशेषज्ञता हासिल करने के लिए विशेष को चुनने का अवसर छात्रों को मिल रहा है। जिसमें समय की मांग को देखते हुए विषयों को शामिल किया गया है। कई विश्वविद्यालय उद्योगों की उभरती हुई मांगों को पूरा करने के लिए स्नातक क्षेत्रों में बी.कॉम में विशेष दे रही है। इसलिए यदि आप 12वीं के बाद बी.कॉम करने की सोच रहे हैं तो इन विषयों के बारे में निश्चित जानकारी लें। कुछ विशेषज्ञता और उभरते क्षेत्र के बी.कॉम के विषय इस प्रकार हैं-

  1. डेटा एनालिटिक्स और बिजनेस इंटेलिजेंस (Data Analytics and Business Intelligence)
  2. वित्तीय प्रौद्योगिकी (FinTech) (Financial Technology)
  3. स्थायी व्यावसायिक व्यवहार (Sustainable Business Practices)
  4. कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) (Corporate Social Responsibility)
  5. आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण (Supply Chain Analytics)

बीकॉम कोर्स को ठीक प्रकार से समझने के लिए आपको इसके लाभ (फायदे) तथा इसे करने के बाद क्या बनते हैं, इसकी जानकारी होनी बहुत ही आवश्यक है। तभी आप यह उचित निर्णय ले पायेंगे कि आपको B.COM में Subject का चुनाव किस प्रकार से करना चाहिए। चलिए बीकॉम कोर्स के लाभ और पोस्ट को जानने के लिए नीचे दी जा रही लिंक पर क्लिक करते हैं:

अवश्य पढ़ें:- बी.कॉम करने से क्या बनते हैं और इसके फायदे

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