बिहार पर हमें गर्व है! 😊
दोस्तों, ऐसा कोई भी बिहारी नहीं होगा जो अपने बिहार राज्य पर गर्व न करता हो। लेकिन जब दीपाली शाह की कंट्रोवर्सी सामने आई, तो यह सुनकर बहुत दुख हुआ कि कोई बिना सही जानकारी के बिहार के बारे में गलत बातें कैसे कर सकता है। वह भी तब जब वह खुद एक शिक्षिका हो। क्या कोई ऐसा व्यक्ति जो किसी प्रदेश को जाने वैगेर उसके बारे में गलत तथ्य रख सकता है। अगर हां तो वह केवल और केवल दीपाली शाह ही हो सकती है क्योंकि इनको बिहार के बारे में समझ बहुत कम है या फिर ये बिहार से नफरत करती है। चलिए इस लेख में बिहार के बारे में उन तथ्यों के बारे में जानते हैं जो आपको बिहार पर गर्व करने के लिए प्रेरित करेगा।
अगर कोई बिहार की असली ताकत और योगदान को नहीं समझता, तो उसे एक बार यह लेख ज़रूर पढ़ना चाहिए। बिहार सिर्फ़ बिहारियों के लिए ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व की बात है! चलिए जानते हैं-
बिहार शर्म नहीं गर्व का विषय है
बिहार भारत का एक ऐसा राज्य है जिसको अगर भारत से हटा दिया जाये तो भारत बिहार के बिना अधूरा हो जायेगा। क्योंकि बिहार ज्ञान, वीरता, काव्य, का करुणा, रस, उद्योग एवं संस्कृतियों का संगम है। बिहार केवल दोष नहीं एक गहरी सोच है, और रिसर्च का विषय है। बिहार का नाम भगवान महात्मा बुद्ध के द्वारा रखा गया। मेरे ख्याल से दीपाली शाह को यह जानकारी नहीं होगी। लेकिन इसके अलावा भी बहुत सारी जानकारी ऐसी है जो बिहार पर गर्व की अनुभूति करा सकती है।
धर्म और आध्यात्मिकता की पावन भूमि
विश्व के महान धर्म की उत्पत्ति भी बिहार से ही हुआ है वो है बौद्ध और जैन धर्म, जो अहिंसा, सत्य का मार्ग दिखाया तथा पाठ पढ़ाया। भगवान महात्मा बुद्ध को बिहार की धरती पर ज्ञान की प्राप्ती हुई तथा भगवान महावीर जो जैन धर्म के 23वें तीर्थकर थे उनको भी यहां पर ही ज्ञान प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं बल्कि गुरुगोबिन्द्र सिंह का भी जन्म इस धरती पर हुआ है। यहां पर महर्षि विश्वामित्र की तपो भूमि जो पावन तीर्थ स्थल है। यहां पर भगवान राम के पावन चरण स्थल पर पड़ें है और माता सिता का जन्म भी बिहार में हुआ है।
भव्य मंदिर और सांस्कृतिक धरोहर
बिहार में दुनिया का सबसे बड़ा रामायण मंदिर बन रहा है, जो राज्य की धार्मिक विरासत को और भव्य बनाएगा। इसके अलावा, सासाराम का चामुण्डेश्वरी मंदिर भी विश्वविख्यात है, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
बिहार में कई ऐसे मंदिर हैं जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की समृद्धि को भी दर्शाते हैं। वहीं, केसरिया स्तूप दुनिया का सबसे बड़ा स्तूप है, जो इतिहास और बौद्ध संस्कृति से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण स्थल है। बिहार सदियों से आस्था और परंपरा का केंद्र रहा है, जो इसे एक अनोखी पहचान देता है। यह सब जानने के बाद गर्व से कह सकता हूं – “I am proud to be Bihari.”
भारत की गौरवशाली शासन, शिक्षा और राजनीतिक विरासत है बिहार
बिहारी होने पर गर्व है क्योंकि बिहार सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि भारत की राजनीति, शासन, शिक्षा और संस्कृति की आत्मा है। प्राचीनतम शासन प्रणाली की नींव बिहार में ही रखी गई थी, जब चंद्रगुप्त मौर्य ने मगध साम्राज्य की स्थापना की और पूरे विश्व में अपनी ताकत का लोहा मनवाया। महान सम्राट अशोक, जिन्हें “सम्राटों का सम्राट” कहा जाता है, ने युद्ध कौशल और प्रशासन की अद्वितीय मिसाल बिहार में ही पेश की थी। यहीं स्वर्ण मुद्रा की शुरुआत हुई और अशोक स्तंभ, जो सत्य की जीत का प्रतीक है, बिहार की भूमि पर स्थापित हुआ।
अगर शिक्षा की बात करें, तो बिहार की बौद्धिक विरासत भी विश्वप्रसिद्ध है। नालंदा विश्वविद्यालय, जो दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय माना जाता है, ज्ञान का प्रमुख केंद्र था। महान विद्वान चाणक्य ने यहीं से अर्थशास्त्र की रचना की और आर्यभट्ट ने गणित में महत्वपूर्ण खोजें भी बिहार की धरती पर किया। बिहार मधुबनी चित्रकला का जन्मस्थल भी है, जो भारत की पारंपरिक कलाओं में एक अनमोल धरोहर है। यही नहीं, बिहार ने सबसे अधिक IAS/IPS अधिकारी दिए हैं, जो बिहार को भारत का प्रशासनिक केंद्र बनाता है।
इतिहास गवाह है कि बिहार ने स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1857 की क्रांति से लेकर महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह तक, यह भूमि हमेशा से संघर्ष और परिवर्तन की जननी रही है। ऐसे गौरवशाली इतिहास और परंपराओं के साथ, हर बिहारी गर्व से कह सकता है – “Bihari hone par garv hai!”
राजनीति में बिहार की अहम भूमिका
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे, जिन्होंने भारत को एक सशक्त नेतृत्व दिया। जयप्रकाश नारायण ने यहीं से संपूर्ण क्रांति की शुरुआत की, जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री की सत्ता भी हिल गई। बिहार ने हमेशा भारतीय राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और यह विरासत आज भी भारत के राजनीति में देखने को मिलती है।
समृद्ध संस्कृति और अतिथि सत्कार
बिहार विभिन्न संस्कृतियों का संगम रहा है, यहां भोजपुरी, मगही, मैथिली जैसी भाषाएँ अपनी अलग पहचान रखती हैं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताएँ आज भी प्रेरणास्रोत बना हुआ हैं। बिहारी अपनी अतिथि सत्कार की परंपरा के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं, जो हर किसी को गर्व महसूस कराती है।
खानपान और कृषि में बिहार का योगदान
क्या आप जानते हैं कि बिहार से पूरी दुनिया को मखाना सप्लाई किया जाता है, जिसकी प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रशंसा किया हैं? साथ ही, बिहार की लीची पूरे भारत में मशहूर है और यहाँ के स्वादिष्ट व्यंजन अपनी विशिष्टता के लिए जाने जाते हैं।
तकनीक और इंटरनेट क्रांति में अग्रणी
बिहार के पटना में दुनिया का सबसे बड़ा WiFi नेटवर्क मौजूद है, जिसकी रेंज 20 किमी तक फैली हुई है। यह उपलब्धि बिहार को डिजिटल क्रांति में एक नई ऊँचाई पर ले जाती है।
प्राचीन व्यापार मार्ग और ऐतिहासिक धरोहर
दक्षिण एशिया का सबसे लंबा और प्राचीन राजमार्ग, जो काबुल से गंधार तक फैला है, बिहार से होकर गुजरता है। यह ऐतिहासिक सड़क 2400 किमी लंबी है और यह बिहार की समृद्ध धरोहर का हिस्सा है।
इतिहास, संस्कृति, शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में बिहार ने हमेशा देश को गौरवान्वित किया है। यही कारण है कि bihari hone par garv hai!
खेल, सिनेमा और संस्कृति की शान
खेल जगत में बिहार का योगदान
क्रिकेट के दीवाने हर कोई जानते हैं कि बिहार के लाल महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को तीन बड़े ICC ट्रॉफी जिताई हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने क्रिकेट में नए कीर्तिमान स्थापित किए। उनकी सफलता न केवल भारत बल्कि बिहार के लिए भी गर्व की बात है।
फिल्म इंडस्ट्री में बिहार की चमक
बॉलीवुड में बिहार के कई सितारों ने अपनी अलग पहचान बना चुके हैं जिनमें प्रमुख पंकज त्रिपाठी, मनोज बाजपेयी, शत्रुघ्न सिन्हा, गोविंदा और संजय मिश्रा जैसे कलाकार आते हैं। इन्होने अपनी प्रतिभा से फिल्म जगत में बिहार का नाम रोशन किया है। यह साबित करता है कि बिहारी टैलेंट हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने में सक्षम है।
श्रम और मेहनत की मिसाल
दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों में बिहारी लोग रीढ़ की हड्डी की तरह कार्य करते हैं। अगर बिहारी मजदूर और पेशेवर इन शहरों से हट जाएँ, तो वहाँ की अर्थव्यवस्था और संसाधन बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगे। बिहारी अपनी मेहनत और समर्पण के लिए पहचाने जाते हैं और यही कारण है कि bihari hone par garv hai!
संस्कृति और त्योहारों की धरती
बिहार संस्कृति और त्योहारों की भूमि है, जहाँ हर पर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। खासकर छठ पूजा, जो न केवल बिहार बल्कि पूरे देश और विदेश में बसे बिहारी समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। इस उत्सव में जो श्रद्धा और समर्पण देखा जाता है, वह बिहार की संस्कृति की गहरी जड़ों को दर्शाता है।
हम बिहारी हैं और हमें गर्व है!
चाहे खेल हो, कला हो, मेहनत हो या संस्कृति – बिहार हर क्षेत्र में अपना योगदान देता आया है और देता रहेगा। यही कारण है कि हम पूरे गर्व से कहते हैं – bihari hone par garv hai!
“Proud to be Bihari!”
नीचे दी गई वीडियो को देखें और bihari hone par garv karein! बिहार की संस्कृति, इतिहास और उपलब्धियाँ हमें गर्व करने का हर कारण देती हैं।
बिहार सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि एक गौरवशाली विरासत है, जिसके बारे में आप सोशल मीडिया और सर्च इंजन पर और भी बहुत कुछ जान सकते हैं। यही वजह है कि हमें अपनी जड़ों पर गर्व करना चाहिए।
इसलिए, दीपाली शाह जी, बिना सोचे-समझे किसी के बारे में गलत बोलना आपको शोभा नहीं देता। गर्व से कहिए – हम बिहारी हैं, हम हिंदुस्तानी हैं!